03-06-2020, WEDNESDAY
BY ER SURAJ MOTTAN
-A TEACHER, A MOTIVATOR, A SOCIAL ACTIVIST, A BLOGGER, A YOUTUBER-
निर्णय आपका-
यारो , सिर्फ लिखते ही रहोगे
या मैदान में काम भी करोगे?
फेसबुक पर पोस्ट करना है असान
किन्तु लोगो के जेहन में
विचार पोस्ट करना कठिन
इस सच्चाई को बेहतर जानते हो आप
शायद इसलिय बहाने बनाते हो
फिर भी रोना रोते हो
समाज के व्याप्त बुराईयों का
मसलन आप भी हो एक समस्या ।
इसलिय निर्णय लिजिय
समस्या सुलज़ाने के लिय
आप आगे आओगे ।
या स्वंय एक समस्या बनोगे?
मान लिया की नियंत्रण नहीं
समस्याओ पर आपका
किन्तु जिम्मेदारी से
मुह मोड़ना क्या मर्दानगी है।
मेरा कहना चलो आंबेडकरवाद की और
चलो मैदान कि और ,
चलो जंग लड़ने समाज की बुराइयों से,
चलो पाखंडवाद को हराने।
छोड़ दो अब दूसरों पे कीचड़ उछालना -
चलो अपने कदमों के सहारे निकाल,
एक नई जंग की और, एक
एक नई मंजिल को पाने की और,
चलो - चलो अब बहुत हो गया,
बहुत हो गया टाग खींचना,
बहुत हो गया मनुवाद,
बहुत हो गया ब्राह्मणवाद,
चलो चलो अब बुद्ध की और,
चलो चलो अब आंबेडकरवाद की और,
अब भी समय है बचा,
अभी भी जान है कुछ बजाओ में।
नमो बुद्धाए - जय भीम - जय भारत - जय भारतीय सविधान।
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