माता विद्यावती जब अपने वीर पुत्र भगत सिंह से फाँसी लगने से पूर्व जेल में अंतिम भेंट करने गई तो ठहाकों के बीच भगत सिंह ने कहा " बेबे जी मेरी लाश लेने मत आना कुलवीर नूँ भेज देना कहीं तू रो पड़ी तो लोग कहेंगे की भगत सिंह की मां रो रही है " इतना कह कर देश का यह दीवाना भगत सिंह पुनः जोर से हंसा ।
माँ ने कहा मुझे जीवन में एक ही मलाल रहेगा भगत कि मैंने सिर्फ़ एक भगत सिंह को क्यों जन्म दिया.......
इस प्रकार एक सार्थक और सुदीर्घ जीवन जीकर माताजी ने दिल्ली के एक अस्पताल में 1 जून , 1975 को 96 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली . उस समय उनके मन में यह सुखद अनुभूति थी कि
अब भगत सिंह से उनके बिछोह की अवधि सदा के लिये समाप्त हो रही है । माता विद्यावती ने अपने जीवन काल में अपने पति , देवरों और पुत्रों को ब्रिटिश शासन की दी गई भयंकर यातनाएं सहते देखा वे आजादी के बाद भी जिन्दा रही उन्हें पंजाब माता की उपाधि से विभूषित किया गया ।
समस्त भारतवर्ष इस वीर माता का ऋणी रहेगा ।। माता को शत शत नमन । वीर माता विद्यावती जी अमर रहे ...
Shaheed Bhagat Singh - Amar Rahe - Amar Rahe
जय हिन्द - जय भारत
ER SURAJ MOTTAN
-A TEACHER, A MOTIVATOR, A SOCIAL ACTIVIST, A BLOGGER, A YOUTUBER-
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